Odisha News: ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की जमीन पर अतिक्रमण और फिर उसे बेचने की कोशिश करने का मामला सामना आया है. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. सरकार भी इस मामले में एक्शन में नजर आ रही है. सरकार जांच के आदेश दे दिए हैं.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने शनिवार को बसेली साही पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में कहा गया था कि पुरी में मतिटोटा मौजा के तहत भगवान जगन्नाथ की जमीन को बेचने की कोशिश की जा रही थी.
कानून मंत्री ने दिया बड़ा बयान
इस मामले के सामने आने के बाद राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए कहा, " इस कृत्य में शामिल सभी लोगों के खिलाफ हम कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे. अगर किसी ने जमीन को बेचा है तो हम विक्रेता, खरीदार, सब-रजिस्ट्रार सहित उन सभी लोगों के खिलाफ एक्शन लेंगे, जिन्होंने जमीन का ट्रांसफर किया है.
इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि राज्य किसी भी हालत में भगवान जगन्नाथ की एक इंच जमीन की अनधिकृत बिक्री बर्दाश्त नहीं करेगी.
पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कही ये बात
पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि प्रशासन ने भगवान जगन्नाथ की भूमि की अवैध बिक्री के आरोपों की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, "प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि कुछ कुख्यात लोगों ने नोटरी से हलफनामा प्राप्त करने के बाद अवैध रूप से जमीन बेची है. आगे की जांच चल रही है और तहसीलदार को सतर्क कर दिया गया है. दोषी पाए जाने वालों की जल्द ही पहचान कर ली जाएगी."
60,426 एकड़ जमीन पर मंदिर का है मालिकाना हक
गौरतलब है कि पुरी में जगन्नाथ मंदिर के पास ओडिशा के 24 जिलों में फैली लगभग 60,426 एकड़ भूमि है. वहीं, राज्य के बाहर भी मंदिर के पास 395 एकड़ भूमि भी है. मंदिर प्रशासन के अनुसार, विवादित संपत्ति, खाता संख्या 38 के तहत पंजीकृत है. इसमें 109 भूखंड शामिल हैं. इन सभी का मंदिर का मालिकाना हक है.
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