ठंड में एयर पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है वायु प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता के प्रभावों से लोगों में कई रोंगों का खतरा बढ़ने लगता है हाल ही के एक स्टडी में हार्ट के रोगियों को वायु प्रदूषण के प्रभावों से बचने की हिदायत दी गई हार्ट के रोगियों ने यदि एयर पॉल्यूशन से बचाव नहीं किया तो उनकी यह परेशानी जानलेवा भी बन सकती है वायु प्रदूषण में उपस्थित प्रदूषक तत्व यानी कि पार्टिकुलेट मैटर जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और ओजोन (O3) सांस से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं आइए जानते हैं इसे डिटेल में…


air pollution cause death in banglore 1


शोधकर्ताओं ने 115 विभिन्न प्रोटीनों का विशेष रूप से शोध किया, जो शरीर में जलन और सूजन बढ़ाने के संकेत देते हैं शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के 2024 साइंटिफिक सेशन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत इंटरमाउंटेन हेल्थ शोध के परिणामों से पता चला कि दो इंफ्लमेशन मार्कर – सीसीएल27 (सी-सी मोटिफ केमोकाइन लिगैंड 27) और आईएल-18 (इंटरल्यूकिन 18) हार्ट फेलियर के मरीजों में बढ़ा था ये वो लोग थे जो खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में थे जबकि पिछले शोधों से पता चला है कि हार्ट फेल, कोरोनरी रोग, अस्थमा और सीओपीडी जैसी कुछ समस्याओं से जूझ रहे लोग वायु प्रदूषण की स्थिति से संघर्ष कर रहे थे


नई स्टडी दिखाती है कि खराब एयर क्वालिटी के दौरान इन मरीजों के दिल में जलन या सूजन का स्तर बढ़ जाता है अध्ययन के प्रोफेसर बेंजामिन हॉर्न ने कहा, “ये बायोमार्कर उन लोगों में बढ़े मिले जो दिल बीमारी से पीड़ित थे लेकिन जो दिल बीमारी से पीड़ित नहीं थे उनमें ये नहीं दिखा इससे यह पता चलता है कि ऐसे रोगी पर्यावरण में होने वाले बदलावों के हिसाब से ढल नहीं पाते हैं” शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से 115 विभिन्न प्रोटीनों के लिए बल्ड टेस्ट देखा जो शरीर में जलन या सूजन बढ़ने के संकेत हैं हवा में पॉल्यूशन बढ़ने का कारण है गर्मियों में जंगल की आग के धुएं या सर्दियों के मौसम में हुए परिवर्तन


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