Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर की ऊर्जा का संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी माना गया है. यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा का असर होता है, तो यह मानसिक और शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ आर्थिक कठिनाइयों का कारण बन सकता है. नकारात्मक ऊर्जा को रोकने और सकारात्मकता बढ़ाने के लिए वास्तु शास्त्र में कई कारगर तरीका सुझाए गए हैं. ये छोटे-छोटे बदलाव आपके जीवन में बड़ा सकारात्मक असर डाल सकते हैं. इसलिए, इन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और अपने घर को एक सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर जगह बनाएं. यहां पांच ऐसे कारगर तरीका दिए जा रहे हैं जो आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं.


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1. मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं


 


मुख्य द्वार घर की ऊर्जा का मुख्य साधन होता है. वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ॐ, या शुभ-लाभ जैसे पवित्र चिह्न बनाने से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है और नकारात्मकता दूर रहती है. इसके अलावा, द्वार के दोनों ओर कुमकुम या हल्दी से बनाए गए रंगीन शुभ चिह्न भी सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं.


2. नमक के पानी का इस्तेमाल करें


 


घर की सफाई में समुद्री नमक का इस्तेमाल करना नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने का कारगर तरीका है. नमक को पानी में मिलाकर घर के फर्श की सफाई करें. यह प्रक्रिया हर हफ्ते दो बार करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. साथ ही, नमक के कुछ टुकड़ों को एक कटोरी में रखकर घर के कोनों में रखना भी फायदेमंद होता है. इसे हर महीने बदलना चाहिए.


3. सुगंधित धूप और कपूर का प्रयोग करें


 


वास्तु के अनुसार, घर में नियमित रूप से सुगंधित धूप, कपूर और गुग्गुल जलाने से वातावरण शुद्ध होता है. सुबह और शाम को पूजा के समय यह तरीका करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है. यह न सिर्फ़ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, बल्कि घर में सकारात्मकता और शांति का संचार करता है.


4. तुलसी का पौधा लगाएं


 


तुलसी का पौधा घर में नकारात्मक ऊर्जा को रोकने और सकारात्मकता लाने में बहुत सहायक होता है. इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. तुलसी के पत्तों का नियमित इस्तेमाल और इसकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है. इसके साथ ही, तुलसी का पौधा पर्यावरण को भी शुद्ध करता है.


5. दर्पण और वस्तुओं की ठीक दिशा सुनिश्चित करें


 


वास्तु शास्त्र में दर्पण और भारी वस्तुओं को ठीक दिशा में रखना जरूरी माना गया है. दर्पण को कभी भी शयनकक्ष के बिस्तर के सामने नहीं लगाना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. भारी वस्तुओं को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें और उत्तर-पूर्व दिशा को साफ और हल्का रखें. यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है.




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